305 भाग
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टगर ने, इस क्रुद्ध अभियोग का स्पष्ट प्रतिवाद न कर, क्षुब्ध अभिमान से एक दफे मेरी ओर देखा और फिर, वह उस हतभागे काबुली को अपनी नजर से पहले के समान ...